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जिन्होंने बनाया मुझे,
वो मेरे चेहरे में नज़र आते हैं।
नन्ही सी मेरी मूरत को,
अपने बाहों की पालकी में सैर कराई कभी।
कभी उनकी गोद ने,
मुझे मीठी नींद सुलाया है।
मुझे याद हैं वो रातें,
जब मेरी फिक्र ने बेचैन किया उन्हें,
करवट बदल बदल कर उन्होंने रातों को बिताया है।
मेरी गलतियों ने, मेरी तकलीफ़ों ने,
जब दर्द दिया उन्हें,
अपना लहू उन्होंने आँसुओं में बहाया है।
माफ़ कर दिया मेरी हर भूल को।
लड़खड़ाते मेरे कदमों को,
हमेशा उनका साथ No posts
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