
जिन्होंने बनाया मुझे,
वो मेरे चेहरे में नज़र आते हैं।
नन्ही सी मेरी मूरत को,
अपने बाहों की पालकी में सैर कराई कभी।
कभी उनकी गोद ने,
मुझे मीठी नींद सुलाया है।
मुझे याद हैं वो रातें,
जब मेरी फिक्र ने बेचैन किया उन्हें,
करवट बदल बदल कर उन्होंने रातों को बिताया है।
मेरी गलतियों ने, मेरी तकलीफ़ों ने,
जब दर्द दिया उन्हें,
अपना लहू उन्होंने आँसुओं में बहाया है।
माफ़ कर दिया मेरी हर भूल को।
लड़खड़ाते मेरे कदमों को,
हमेशा उनका साथ मिला है।
मेरी छोटी सफलताओं से, जीत से,
यूँ खुश होते कि जैसे आसमान छू लिया है।
उनका वो अंश हूँ मैं,
जिसे उन्होंने पलकों पर बिठाया है।
चाहे जुदा हो कभी सोच हमारी,
चाहे अनबन हो कोई,
ये हकीकत है कि,
हर नाराज़गी में, डाँट में भी,
एक दूसरे के लिए प्यार ही पाया है।
मेरे माथे की शिकन में,
मेरे होठों की मुस्कान में,
उनका चेहरा नज़र आया है।
मैं खुशनसीब हूँ कि,
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