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टूट चुका टूटना था जितना,
अब और ना बिखर ने देंगे।
ये धरती हमारी माता है,
इसे और ना छलनी होने देंगे।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक,
सब एक हैं, एक रहेंगे।
ये सिर्फ रेखाएँ नहीं कागज़ पे,
तस्वीर है भारत माता की।
ये पूजनीय नक्षा नहीं बदलने देंगे।
कोना-कोना इस देश का,
हर नागरिक इस No posts
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