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बाँट दो उन्हें©

सम्रिता®सम्रिता® July 14, 2022
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हाथों की अंजुलि में कितनी बूंदें समेटोगे?

जो अतिरिक्त हैं, बाँट दो उन्हें।

उन्हें क्या संग ले जाओगे?

या बटोर कर,

बंद तिज़ोरी में सजाओगे?

फ़िर ये काम किसी के ना आएंगी।

जब जानेगी दुनिया ये खुदगर्ज़ी,

क्या सबसे नज़र मिला पाओगे?

बंद रही तो, बदबू ये फैलाएंगी।

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