
Share0 Bookmarks 0 Reads2 Likes
एक अरसे पहले लगता था यूँ,
कि नाराज़गी के कुछ घूँट पीकर,
हमने कुछ बंधन निभाएं हैं।
आज जीवन के इस मोड़ पर,
मुड़कर देखते हैं तो ये एहसास होता है कि,
कुछ मामूली सी बातों को अनदेखा कर,
हमने कुछ अनमोल रिश्ते पाए हैं।
~सम्रिता©
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments