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जिम्मेदारियों की बेड़ी में बंध कर
आसमान छूने निकले हैं
करोड़ों की इस भीड़ में
अपना नाम बनाने निकले हैं
चलते हैं दौड़ते हैं गिर जाते हैं
खुद ही उठते हैं और खुद ही संभल ज
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जिम्मेदारियों की बेड़ी में बंध कर
आसमान छूने निकले हैं
करोड़ों की इस भीड़ में
अपना नाम बनाने निकले हैं
चलते हैं दौड़ते हैं गिर जाते हैं
खुद ही उठते हैं और खुद ही संभल ज
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