मौन's image
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तुम खामोशी नहीं --

शब्द प्रवाह का समंदर,

कविता की अस्मिता

छंदों की जननी हो |

  

अस्तित्व का आभास --

लिपटकर जिससे बहते आँसू

कभी दर्द से, कभी हास के

भावों की वह रानी हो |

 

क्षण, पल, घड़ी नहीं--

जीवन की वह कहानी हो

जो समय के हाथ धरे

विस्तार पाती त्रिकाल में|

  

भर मुझे उस अंक में

उर की गहराई में

जहाँ मैं नहीं, वह नहीं

बस तुम और तुम |


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