संवाद's image
Share0 Bookmarks 26 Reads0 Likes
माँ: बेटा कैसी हो?
बेटी:ठीक हूँ।
माँ:ससुराल वाले कैसे हैं, सब ठीक हैं न?,
बेटी: हाँ, सब ठीक हैं, अच्छे हैं, मेरा ख़्याल भी रखते हैं।
माँ: और वो तुम्हारा शौहर तुम्हारा ध्यान तो रखता हैं न?
बेटी:हम्म,वो तो बहुत ख़्याल भी रखते हैं औऱ प्यार भी करते हैं।
माँ:चलो ठीक है, तुम भी सास ससुर की सेवा करना,अपने शौहर का भी ध्यान रखना। किसी पर गुस्सा मत करना जैसा अपने घर पर सब पर करती थी।कोई कुछ कहे तो सुन लेना,चुप रहना बेटा।इसी में एक लड़की की भलाई रहती हैं।ज़िंदगी तो ससुराल से ही चलती हैं, शादी के बाद बेटियाँ मायके में अच्छी नही लगती।समझ गयी न ?

बेटी: जी माँ, समझ गयी,(भारी मन से)अब फ़ोन रखती हूँ।
उधर फ़ोन कट हुआ,औऱ वो चुप चाप अपने कमरे में सुबक सुबक कर रोने लगी।फिर थोड़ी देर बाद अपने आँसू पूछे और आइने के सामने जाकर ख़ुद से कहने लगा।
"कितनी अच्छी कलाकार बन गयी हो तुम,कितनी आसानी से सारे झूठ बोल दिये कि सब बहुत अच्छे हैं, बहुत प्यार करते हैं मुझें।
औऱ फ़िर वही अपनी रोजमर्रा वाली ज़िंदगी में एक मशीन की तरह लग गयी। वही खाना बनाना,बर्तन धोने,बच्चों को तैयार करना, इत्यादि।
औऱ इस तरह उस लड़की ने बचा लिया अपने मायके औऱ ससुराल के सम्मान का झूठा भृम।
हाँ शायद ऐसी ही लड़किया होती हैं जो आज के मुआशरे में अच्छी बेटी और अच्छी बहू कहलाती हैं।

- Salma Malik

#salmamalik 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts