Share0 Bookmarks 47574 Reads0 Likes
वो नास्तिक था,
उसे ऊपर वाले पर ऐतबार नहीं था,
वो नहीं मानता था इन धर्मो, रीति रिवाजों और उस ऊपर रहने वाले ईश्वर/अल्लाह/भगवान को,
मगर उसने किसी से प्रेम किया,
उसने प्रेम किया ये जानते हुए भी कि जिसे वो प्रेम कर रहा है,
वो आस्तिक है,उसे उस ऊपर वाले पर भरोसा है,
वो आस्तिकता रखता है उस ईश्वर/अल्लाह/भगवान के वजूद में,
उसने भी उसे प्रेम किया,
उस प्रेम को जिया
और उम्मीद की,कि उसके प्रेमी की नास्तिकता आस्त
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments