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मुझे पता हैं एक दिन तुम पूरी तरह से जाने का इरादा कर लोगे,
उस दिन जब तुम थक जाओगे इंतज़ार की गर्मी में,
तुम्हारी सारी उम्मीदें पसीने की तरह बह जायेगी
दुख की नदी में,
तुम्हारा प्रेम उस दिन उसके लिए ओझल होने लगेगा।
तुम सोचोगे कभी न वापिस आने की,
और उस दिन तुम चले जाओगे,
मग़र उस वक़्त भी तुम्हारे दिल में एक उम्मीद होगी
कि वो तुम्हे कही से आवाज़ दें, और
ये कहकर कि "सुनो न",
रोक लें तुम्हारा हाथ पकड़कर।
तुम्हारे कान खींचकर ले आये तुम्हे वापिस।
ये सब सोचते सोचते तुम्हारे होंठो पर आयेगी
एक हल्की सी मुस्कान ,
मग़र वो मुस्कान फिर बदल जायेगी
तुम्हारी आँखों की नमी
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