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ख़्याल डायरी से

Salma MalikSalma Malik February 5, 2023
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बहुत वक़्त हो गया था उसे ख़ुद से बात किये हुए,
अक़्सर कहानियों, कविताओं के ड्राफ्ट में ख़ुद को लिखती रहती थी वो,
कई बार कुछ कहानियाँ पूरी होने से पहले ही उनके ड्राफ्ट डिलीट कर दिए थे उसने,
शायद अपने लिखें से मुतमईन नही थी वो,
और अगर एक लेखक ख़ुद अपने लिखें से मुतमईन (satisfy) नही है तो उसे
बेजिझक वो ड्राफ्ट delete कर देने चाहिए,
क्योंकि जो चीज़ आपको satisfy नही कर पाई,
वो दूसरे लोगों को कैसे करेंगी। उसने पढ़ा था कही कि
"Write for the reader,
Not for yourself."
यानी अपने लिए नही,बल्क़ि पाठक के लिए लिखिए,
और वो ये बख़ूबी जानती थी कि जब तक वो ख़ुद satisfy नही होगी,तब तक उसके लिखें से कोई भी पाठक satisfy नही होगा।
इसलिए वो लिखती रही,बार बार,
और मिटाती भी रही,बार बार।
और बार बार ख़ुद को लिखकर मिटाने की जो ख़ास वजह थी,वो शायद समझ नही पा रही थी।
वो वजह थी,उसकी ख़ुद से मुलाक़ात।
हम्म,ख़ुद से मिलना शायद भूल गयी थी वो,
ख़ुद से बातें करना छोड़ दिया था उसने,
माना ज़िन्दगी आसान नही होती,
मगर

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