ख़्याल डायरी से's image
Poetry3 min read

ख़्याल डायरी से

Salma MalikSalma Malik February 5, 2023
Share0 Bookmarks 22 Reads0 Likes
बहुत वक़्त हो गया था उसे ख़ुद से बात किये हुए,
अक़्सर कहानियों, कविताओं के ड्राफ्ट में ख़ुद को लिखती रहती थी वो,
कई बार कुछ कहानियाँ पूरी होने से पहले ही उनके ड्राफ्ट डिलीट कर दिए थे उसने,
शायद अपने लिखें से मुतमईन नही थी वो,
और अगर एक लेखक ख़ुद अपने लिखें से मुतमईन (satisfy) नही है तो उसे
बेजिझक वो ड्राफ्ट delete कर देने चाहिए,
क्योंकि जो चीज़ आपको satisfy नही कर पाई,
वो दूसरे लोगों को कैसे करेंगी। उसने पढ़ा था कही कि
"Write for the reader,
Not for yourself."
यानी अपने लिए नही,बल्क़ि पाठक के लिए लिखिए,
और वो ये बख़ूबी जानती थी कि जब तक वो ख़ुद satisfy नही होगी,तब तक उसके लिखें से कोई भी पाठक satisfy नही होगा।
इसलिए वो लिखती रही,बार बार,
और मिटाती भी रही,बार बार।
और बार बार ख़ुद को लिखकर मिटाने की जो ख़ास वजह थी,वो शायद समझ नही पा रही थी।
वो वजह थी,उसकी ख़ुद से मुलाक़ात।
हम्म,ख़ुद से मिलना शायद भूल गयी थी वो,
ख़ुद से बातें करना छोड़ दिया था उसने,
माना ज़िन्दगी आसान नही होती,
मगर चलना ज़रूरी होता है,
हर हाल में,
बस चल ही रही थी वो,
अकेली,बिना अपने साथ के।
शाम को धुंधली सी सड़कों पर चलते चलते अचानक एक गाने की आवाज़ सुनाई दी,

"ज़िंदा रहने के लिए तेरी कसम
एक मुलाक़ात ज़रूरी है सनम..."

मानो ये वही पल था, जो उसे कुछ याद दिलाने आया था,
घर लौटकर बैठ गयी अपनी किताबो और डायरी के सामने,
हाथ में क़लम लिए,
वो समझ गयी थी कि अब उसे क्या करना है,
उसने वही किया,उसने लिख दिया ख़ुद को उन पन्नो पर,
जो अभी तक ख़ाली पड़े थे,
उसने उतार दिए अपने जज़्बात काग़ज़ पर,
दर्ज़ कर दिया वो सब,जो वो लोगो से कहने से डरती थी।
उसे याद आया कि ऐनी फ्रैंक सही कहती थी
"कागज़ में मनुष्य से अधिक सहनशीलता हैं।"
(Paper has more patience than human.)

आज फिर से उसकी ख़ुद की ख़ुद से मुलाक़ात हो गयी थी,
उसने फिर से ख़ुद को लिखना शुरू कर दिया था,
और मेरी नज़र में "ख़ुद को लिखना,ज़िन्दगी को जीने का दूसरा रास्ता है"।

-Salma Malik

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts