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कविता- निशान

Salma MalikSalma Malik February 20, 2023
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कुछ ज़ख़्म ऐसे होते हैं
जो वक़्त के साथ भर तो जाते हैं,
मगर उनके निशान हमारे ज़िस्म पर उम्र भर रहते हैं,
तुम्हारें ज़िस्म पर भी एक वही निशान है,
जो वक़्त के साथ भर तो गया,
मगर उसका निशान आज भी तुम्हारें ज़िस्म पर अपनी पकड़ बनाये हुए है,
कभी किसी की याद बनकर,
कभी किसी के दिये हुए दर्द की वज़ह बनकर,
कभी ख़ुशी तो कभी आँसू बनकर,
सुनो,ध्यान रखना,
ये निशान ताउम्र तुम्हारे ज़िस्म पर बना रहेगा,
और

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