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फ़िराक़ गौरखपुरी का एक बड़ा ही बेहतरीन शेर हैं-
"दिखा तो देती हैं बेहतर हयात के सपने, ख़राब हो के भी ये जिंदगी ख़राब नही।"
जो लोग ज़िन्दगी की गुत्थी को सुलझा लेते हैं, वो बेहतर जानतें हैं कि ज़िन्दगी अनगिनत सवालों के जवाब ढूढ़ने का नाम हैं। ज़िंदगी बेहद निराशा में उम्मीद की एक लौ जलाने का नाम हैं।
जब जब ज़िन्दगी की पहेली में उलझने लगों तो जितना ज़्यादा ख़ुद को सुलझाकर रख सकोगें, वही ज़िन्दगी हैं।
लोग जब जब इस दुनिया मे नाउम्मीद हुए हैं तो सिर्फ़ ख़ुदा
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