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फ़िराक़ गौरखपुरी का एक बड़ा ही बेहतरीन शेर हैं-
"दिखा तो देती हैं बेहतर हयात के सपने,                           ख़राब हो के भी ये जिंदगी ख़राब नही।"

जो लोग ज़िन्दगी की गुत्थी को सुलझा लेते हैं, वो बेहतर जानतें हैं कि ज़िन्दगी अनगिनत सवालों के जवाब ढूढ़ने का नाम हैं। ज़िंदगी बेहद निराशा में उम्मीद की एक लौ जलाने का नाम हैं।
जब जब ज़िन्दगी की पहेली में उलझने लगों तो जितना ज़्यादा ख़ुद को सुलझाकर रख सकोगें, वही ज़िन्दगी हैं।
लोग जब जब इस दुनिया मे नाउम्मीद हुए हैं तो सिर्फ़ ख़ुदा से की हुई उम्मीद ही सहारा बनी हैं।
जो लोग दुनिया से उम्मीद लगाते हैं वो नासमझ हैं और ख़ुद को सिर्फ़ दर्द दे पाते हैं। सबसे ज़रूरी हैं आप जिस हाल में भी रहे,ख़ुदा का शुक्र करें और बेहतर कल की उम्मीद करें क्योंकि नाउम्मीदी शिर्क हैं, गुनाह हैं।

आज के वक़्त में हम सब एक दूसरे से उम्मीद लगाये हुए हैं कि सामने वाला शख़्स हमारी बात को समझें, हमारे जज़्बात को समझें औऱ हम सब ही एक दूसरे को नही समझतें और एक दूसरे के दुःख का सबब बनते हैं।
बेहद निराशा में ख़ुदा से उम्मीद की एक लौ जलाइए,
ज़िन्दगी आसान हो जायेंगी।
- Salma Malik


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