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आज यूट्यूब पर वीडियो देखते देखते एक बड़ी ही ख़ूबसूरत बात सुनने को मिली, कि आप जिस काम के लिए बने हैं, आप उससे कभी थक नही सकतें।
क़ासिम अली शाह (स्पीकर) बताते हैं कि हर चीज़ की अलग पहचान होती हैं, जैसे एक चाकू का काम होता हैं चीज़ो को काटना ,वो अपने काम से कभी नही थकता, ठीक वैसे ही एक क़लम का काम होता हैं,चलना और चलते रहना,
जब जब एक लेखक उसे उठाता हैं, वो तब तब अपना फ़र्ज़ निभाती हैं। कलम कभी नही थकती।
ये सारी बातें लिखतें लिखतें मुझें Edward Bulwer- Lytton की एक बात और याद गयी,अपने स्कूल में आप लोगो ने भी सुनी होगी-
"The pen is mightier than the sword."
यानी एक क़लम तलवार से भी ज़्यादा शक्तिशाली होती हैं।
इसे अपने हाथों में उठाने से पहले इसकी ताक़त को ध्यान में रखिये।आपके लिखें को जो लोग सच मानते हैं, वो आप पर यक़ीन करतें हैं, इसलिए जब आप इस क़लम का ज़िम्मा अपने सर ले,तो ध्यान रहें कि आपको इसके प्रति पूरी ईमानदारी रखनी हैं।अगर आप सच नही लिख सकते तो आपको कोई हक़ नही हैं कि आप इसे अपने हाथों में उठाये।
मुझें लगता हैं कि सिर्फ़ क़लम ही नही, क़लम को चलाने वाला कलमकार भी सबसे ज़्यादा शक्तिशाली होता हैं।
इसलिए ज़्यादा से ज़्यादा पढ़िये और लिखतें रहिये,एक दिन में नही लेकिन एक दिन ज़रूर आप कुछ बेहतरीन कर दिखायेंगे।
So please guys, believe yourself and most important Love yourself.
- Salma Malik
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