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कभी सोचा नहीं?
किसलिए बर्बाद कर रहे हो ख़ुद को?किसके लिए आँसू बहा रहे हों?ये इतनी उदासी इतनी ख़ामोशी क्यों बना ली अपने अंदर? हार मानने लगे हो ज़िन्दगी से?ऐसे तो नहीं थे तुम।सारे सपने एक एक करके टूट रहे है,हाथों से हाथ छूट रहे है,तो क्या  हार मान लोगे ज़िन्दगी से।
इतने कमज़ोर तो न थे तुम।
सुनो,किसी और के लिए नहीं,बल्क़ि अपने लिए फिर से सपने बुनो,चलते रहो बिना रुके।अभी बहुत आगे बढ़ना है तुम्हें, अपने ख़ुद के लिए। मरने से पहले ख़ुद के लिए जीना सीखो,
मरना तो एक दिन है ही,तो रोज़ रोज क्यों मरते हो?माना सफ़र आसाँ नहीं है,मगर जो आसाँ हो,वो ज़िन्दगी भी तो नहीं।ज़िन्दगी का नाम पहले संघर्ष फिर सफलता है।
अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ो,क्योंकि असल मंजिल वो नहीं,जिसकी तुम्हें तलाश है, असल मंजिल वो लम्हा है जो तुम गवाँ रहे हो,असल में सफ़र ही तो मंजिल है,इसलिए इसके हर लम्हें को जियो। 
इसलिए उठो और आगे बढ़ो क्योंकि तुम्हारी क़ामयाब ज़िन्दगी का रास्ता सिर्फ़ और सिर्फ़ तुमसे होकर जाता है।
शुभकामनायें।
- Salma Malik

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