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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, आया है नव वर्ष।
यश कीर्ति वैभव मिले, जीवन मे उत्कर्ष।।
दिनकर नए उदित हुए, हुआ नया आकाश।
ऋतु धरा की बदल गयी, दिशा दिशा प्रकाश।।
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