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जिस रास्ते पर चल रहे हो
हज़ार मोड़ आयेंगे
ये सही है, वो सही है
हर जगह से शोर आएंगे
कभी लगेगा कि बस पहोच गया हूँ
तो कभी लगेगा अभी दूर है
कभी लगेगा कि तू कितना खुशकिस्मत हूँ
तो कभी कितना मजबूर है
किसी किसी दिन ग़ुमराह करने वाले भी मिलेंगे
तो कई रास्ता दिखाने वाले भी
किसी किसी दिन हँसने वाले भी मिलेंगे
तो कई साथ चलने वाले भी
कई बार
तू थक के
हार के गिर जायेगा
उसी पल तेरे मन में ख़ुद पर सवाल आएगा
मन संकोच करेगा और डर का कोहरा छाएगा
और ये समाज तेरे आत्मविश्वास को नोच-नोच के खायेगा
वही पल तेरी ज़िन्दगी का फ़ैसला करेगा
उठ गया जो तू हर मुश्किलो को धर लेगा
आंख से आँख मिलाके डर को देख लेना
कहना उस्से की वो कितनि मर्जी कोशिश करलेना
चल पड़ा है तू अब प्रकाश जैसा छायेगा
अंधेरे में आने वाली एकलौती रोशनी लाएगा
जलती हुई तेरी ज्वाला से समाज अपनी रोटी सेकेगा
रोकने के बजाये तुझे आगे बढ़ता देखेगा
अब बढ़ता-बढ़ता तू सिर्फ़ उचाईयो को पायेगा
ये विश्वास है मेरा की तू कुछ कमाल करके दिखायेगा
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