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जाने ये कौनसी बात है जो मुझे सता रही है
मन में तो है पर होंटो पर नहीं आरही है
कहू की नहीं कहू ये मैं सोचता हूँ
इस बात का जवाब ख़ुद ही मैं खोजता हूँ
समझ लोना इन बातो को आँखों से ही
रहने दो ना कुछ बाते अनकही ही
होगा क्या कहने के बाद उसी का डर है मुझे
कही गलती से खो न दु तुम्हे
यही फिकर है मुझे
प
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