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बेवजह की ख्वाहिशों को कुर्बान किया जाता है
अपनी जिंदगी को बस यूँ ही आसान किया जाता है
शायद खता है ,बचपन के लम्हो को फिर जीना
मजा ये है,यूँ ही दिल को फिर नादान किया जाता है
किसी महफ़िल में गर्मजोशी से मिलो दुश्मन से
इस तरह दुनिया को भी कभी हैरान किया जाता है
गर किसी वक़्त पे हारा हुआ अपना ख्याल लगे
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