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माँ ! हम आये तेरे शरण में ,नित छुएं चरण, मम निवेदन स्वीकार करो !
यही है भाव भजन, मन लगी लगन, मम-जीवन निर्माण करो !
मालिन साथ है |
तू जननी !हम लाल ,
सब तेरे हाथ हैं ||
जग सृजनी ! दे तूं जैसी आकृत,
सब तेरा प्रत्युपकार हैं |
हम सब कच्ची मिटटी,
तू सबका कुम्भकार है ||
तू भू की रानी! ,तू अम्बर की न्यारी माँ |
तुझमे बसी दुनिया सारी।
तुझमे तरी दुनिया सारी माँ ।।
हे स्नेहमयी माँ !
तेरी गोद में हमने सोया |
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