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काल की कालिख रगड़ते जा रहे
गिर रहे हैं जितना बढ़ते जा रहे
रक्तरंजित पुस्तकें इतिहास की
घाव पन्नो पे उधड़ते जा रहे
बुद्ध का बस
गिर रहे हैं जितना बढ़ते जा रहे
रक्तरंजित पुस्तकें इतिहास की
घाव पन्नो पे उधड़ते जा रहे
बुद्ध का बस
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