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स्वर कोकिला

SahilSahil February 7, 2022
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सुनो कोकिला, उड़ जाओ तुम

विदा गीत ना गा पायेंगे


रुंधे हुए हैं गले सुरों के,

शहनाई से आँसू टपके,

साँस ताल की उखड़ी-उखड़ी,

बोल आँख से बह जायेंगे, 

विदा गीत ना गा पायेंगे


ज़हर बुझे युग की तुम अम

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