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ये मेरे पाँव के जो छाले हैं
बड़े नाज़-ओ-ने'अम से पाले हैं
तेरी तस्वीर को जलाना था
तेरी तस्वीर को संभाले हैं
वो अंधेरों के कारोबार में है
उसके घर में बड़े उजाले हैं
शर्त हारेंगे हम ही, शर्त रही
हमने सिक्के बड़े उछाले हैं
ज़हर पिलाओ या कि मय भर दो
मेरे हाथों में ख़ाली प्याले हैं
- साहिल
Twitter: @Saahil_77
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