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समय का पहिया जो चल रहा है
तमाम सपने कुचल रहा है
पड़े हैं ठण्डे घरों के चूल्हे
सुना है अब गाँव जल रहा है
जो साँप पाला था आस्तीें में
वो आज केंचुल बदल रहा है
रगों में नफ
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समय का पहिया जो चल रहा है
तमाम सपने कुचल रहा है
पड़े हैं ठण्डे घरों के चूल्हे
सुना है अब गाँव जल रहा है
जो साँप पाला था आस्तीें में
वो आज केंचुल बदल रहा है
रगों में नफ
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