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परिंदों को नहीं भाता, ये गारे ईंट का जंगल
न जाने क्यूँ शहर मेरा, बना कंक्रीट का जंगल
दफ़न इनके तले मासूमियत, सप
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परिंदों को नहीं भाता, ये गारे ईंट का जंगल
न जाने क्यूँ शहर मेरा, बना कंक्रीट का जंगल
दफ़न इनके तले मासूमियत, सप
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