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हमें वो कब समझते थे
उन्हें हम कब समझते थे
मगर जो कुछ नहीं थे वो
वही सब हम समझते थे
चमक औरों की वो निकली
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हमें वो कब समझते थे
उन्हें हम कब समझते थे
मगर जो कुछ नहीं थे वो
वही सब हम समझते थे
चमक औरों की वो निकली
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