मर्ज़'s image
Share0 Bookmarks 42997 Reads1 Likes

इस क़दर ज़हर अब हवा में हैं 

मर्ज़ ही आज कल दवा में है


तुम भला क्या हमें संभालोगे 

लड़खड़ाना मेरी अदा में है 


उसके हाथों में फिर से ख़ंजर है

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts