दोस्त's image
Share0 Bookmarks 45981 Reads0 Likes

हम जिन्हें दिल से दोस्त कहते हैं

वो मेरी आस्तीं में रहते हैं


लब पे मुस्कान, दर्द सीने में

इस तरह ज़ुल्म उनके सहते हैं 


किस तरह एतबार हो उन पे

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts