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दीये जलें
आज, कल, सदा
जलें दुःख
चेहरे हों रौशन
आँखें नूरानी
दीये जलें
बुझे अँधियारा
धरा, मन,
मस्तिष्क का
दीये जलें
ना जलें
बहू-बेटियाँ,
घर, भाईचारा
दीये जलें
ना बुझे
उम्मीद, मशाल,
प्रेम की बाती
दीये जलें
जलते रहे
तूफ़ानों में
आज, कल, सदा
- साहिल
Twitter: @Saahil_77
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