समय ख़ुशहाल आया है
वही फिर साल आया है
वही रेशम की गिरहों का
मुलायम जाल आया है
वो तारे चाँद लाये हैं
फटे कपड़े रफ़ू करने
चुनावी साल आया है
हमारा ख़्याल आया है
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