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समय ख़ुशहाल आया है
वही फिर साल आया है
वही रेशम की गिरहों का
मुलायम जाल आया है
वो तारे चाँद लाये हैं
फटे कपड़े रफ़ू करने
समय ख़ुशहाल आया है
चुनावी साल आया है
हमारा ख़्याल आया है
चुनावी साल आया है
दुकानें हैं पुरानी ही
नया बस माल आया है
कि ठंडी आह भर-भर के
सुखाये अश्क़ हैं जिसने
ज़रा उसके लिए देखो
नया रूमाल आया है
समय ख़ुशहाल आया है
चुनावी साल आया है
- साहिल
Twitter: @Saahil_77
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