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आज जाने क्या हुआ, हैरत हुई
आज मेरी भावना आहत हुई
शोर फिर से था गली के मोड़ पर
ख़ून बिखरा था गली के मोड़ पर
लोग हँसते थे, अजब वहशत हुई
आज मेरी भावना आहत हुई
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आज जाने क्या हुआ, हैरत हुई
आज मेरी भावना आहत हुई
शोर फिर से था गली के मोड़ पर
ख़ून बिखरा था गली के मोड़ पर
लोग हँसते थे, अजब वहशत हुई
आज मेरी भावना आहत हुई
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