वो पेश किये जा रहे थे इश्क़ का बजट,
हम मुस्कुरा के दिल पे नए टैक्स सह गए
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बजट की पोटली में छिपे लाख शाहकार,
ग़रीब की थाली में तो रोटी नहीं बढ़ी
- साहिल
Twitter: @Saahil_77
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