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लाएं सुकूं कहाँ से हर इक सम्त आग है
दमकें यहां अँधेरे, उजालों पे दाग़ है
हमको यक़ीं नहीं है सियासी ज़बान पर
अमृत जहाँ बताए वहीं काला नाग है
क्यूँ कर कोई बचाएगा जलते ह
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लाएं सुकूं कहाँ से हर इक सम्त आग है
दमकें यहां अँधेरे, उजालों पे दाग़ है
हमको यक़ीं नहीं है सियासी ज़बान पर
अमृत जहाँ बताए वहीं काला नाग है
क्यूँ कर कोई बचाएगा जलते ह
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