अधूरी हसरत's image
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जीने का नज़रिया हमने बदल दिया है

आज से ज़िन्दगी को हमने, तेरा नाम दिया है

जिसको हो यकीं, वो बयाँ करे

के शाख़ ने फ़ूल को कब बिछड़ने दिया है

कभी नज़र हटाने से कतराते थे, अब नज़र मिलाने से डरते हैं

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