
Share0 Bookmarks 79 Reads0 Likes
जन्नत मे बेज़ार हों बशर
फितरत-ए-इंसाँ ज़मीं पर ले आती है
अजी ज़मीं को ज़मीं
No posts
No posts
No posts
No posts
जन्नत मे बेज़ार हों बशर
फितरत-ए-इंसाँ ज़मीं पर ले आती है
अजी ज़मीं को ज़मीं
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments