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ये आंसू अब गिरेगा कहां
जब सारा समंदर भरा है यहां
सितारे गगन में बहुत हैं मगर
चांदनी के बिना रोशनी है कहां ।
गम को दिल के अंदर जज्ब कर
कौन परवाह तेरी करेगा इधर
जीवन ते
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ये आंसू अब गिरेगा कहां
जब सारा समंदर भरा है यहां
सितारे गगन में बहुत हैं मगर
चांदनी के बिना रोशनी है कहां ।
गम को दिल के अंदर जज्ब कर
कौन परवाह तेरी करेगा इधर
जीवन ते
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