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Kavishala DailyPoetry1 min read

वक्त से वक्त मांगा

Sahdeo SinghSahdeo Singh March 21, 2023
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वक्त से वक्त मांगा था

पर वो मजबूर था ऐसा

ना बोल दिया उसने अब और वक्त दे नहीं सकता

बड़ा लंबा सफर गुजारा

फिर भी अब तक ना हारा

अभी तक जिंदा है तेरी हसरतें भी जिंदा है

अभी मंजिल की ख्वाहिश है

तूं कैसा परिंदा है ।

तेरे अब पंख भी घायल फिर भी उड़ने

का दम रखता ,

तेरे साहस और हिम्मत की

कदर वक्त भी रखता ।

तुझे वक्त देता हूं तेरे विश्वास की खातिर

अगर तूं उड़ सका मंजिल तक

तूं जिंदा हो जिंदा है ।।

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