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ऐ वक्त जरा तू थम जा,
पल भर तो चैन से जीने दो,
क्या मेरे जीवन से बैर तुम्हारा,
कुछ सुकून मुझे भी लेने दो,
माना की तुम रुक सकते नहीं,
पर पल भर तो थम सकते हो,
सांसों के बीच भी मध्यान्तर है,
फिर तुम क्यों ना ठहरते हो,
पल भर के लिये स्थिर हो जा,
मुझको भी खुश हो लेने दो ।
ऐ वक्त जरा तू थम जा,
पल भर तो चैन से जीने दो ।।
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