उषा की किरणें's image
Share0 Bookmarks 41 Reads0 Likes

जैसे जैसे रात ढलने लगती है,

सूर्य की आभा निकलने लगती है,

रात्रि की गहरी अन्धेरी कालिमा,

रोशनी में सिमटने लगती है ।

जैसे जैसे रात ढलने लगती है ।

रोशनी से नहाई ये सुबह,

पक्षियों की चहचहाट की मधुर धुन,

जिन्दगी की मधुरस भरी ये सुबह,

उम्मीद की सरगम की है सुबह,

जिन्दगी में सफलता की रून

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts