
Share0 Bookmarks 74 Reads0 Likes
किसी उपवन में फूल हजारों हैं मगर,
ईश्वर के गले का हार सब नहीं बनते,
बड़े मुकद्दस होते हैं वो जो ईश्वर,
के गले का हार बनते हैं ।
किसी फूल को शिकायत करते देखा
है किसी ने,
वे अपने नियति पर विश्वास रखते हैं,
यह आवश्यक नहीं कि हर फूल माला
में ही गुथे जाएं,
कुछ डाली पर सूख कर धरती में मिलते हैं ।
फूल हों या इंसान अंत में सबको मिट्टी में
ही मिल जाना है,
यही नियति है इसे सब स्वीकार करते हैं ।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments