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उम्मीद का दीया कभी बुझने नहीं देना
उम्मीद से ही जीवन लड़ी है,
हालात कितने भी बुरे हों
हर नव प्रभात से नवजीवन
की उम्मीद जुड़ी है,
इन आशा निराशा की जलती बुझती
रोशनी में हमारी हसरतें शामिल,
हर पल बदलते वक्त से जीवन डोर जुड़ी है ।
अगर उम्मीद ना हो तो जीवन बोझ बन जाए,
इन्हीं अंधेरों में कहीं रोशनी की लड़ी छिपी है ।।
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