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उम्मीदों का चिराग जब बुझने लगे
तो समझो कुछ नया होने वाला है,
मशरूफियों के झंझावात में
प्रकाश पुंज निखरने वाला है,
रात कितनी भी भयावह हो
दिन निकलते ही फिजाएं रोशन हो जाती हैं
फूलों की मुस्कान तरुवर के झोंको से
जिंदगी खिलखिला उठती है ।
सुबह की लाली से जिंदगी की खुशहाली
नई आशाओं का संचार हर दिलों में
संगीत की झंकार मधुमास बन महकने
लगता है,
बोझिल जिंदगी में विश्वास का नया आयाम
जुड़ने लगता है ।।
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