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आज जिंदगी सबकी उलझनों में
उलझ गई है,
क्या करें या ना करें सवाल बन
गई है,
जो भी करने को तैयार होते हैं समझो
नई नई चुनौतियां सवाल बन गई हैं ।
अपने अपने अरमानों को संजोए बैठे हैं
एक नई रोशनी की उम्मीद लगाए बैठे हैं
कभी तो वक्त का पहिया घूमेगा
जिंदगी से आस लगाए बैठे हैं ।।
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