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मै ठहरा हुआ पानी हूं
मुझमें कोई धारा नहीं
बहना चाहता हूं पर कोई किनारा नहीं
मैं ठहरा हुआ पानी हूं ।
मुझ पर पत्थर मारकर
कुछ पल की तरंगे पैदा करते हैं लोग
मेरे जल के फैलाव को देख खुश होते हैं लोग
मेरे जीवन की कहानी बेमानी है
मैं ठहरा हुआ पानी हूं ।।
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