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तेरे राह के हर कांटे फूल बन जाएं,
तूं गुजरे जिधर से मधुमास छा जाए,
तेरे पायल की रुनझुन में संगीत जीवन का,
तेरी नजरें जिधर घूमें बहार आ जाए ।
तुम तरन्नुम हो किसी साज की
आवाज बन गूंजे ,
तुम्हारी झंकार पर कायनात में प्राण आ जाए ।।
तुम ईश्वर हो या कि मानव कह नहीं सकता,
तुम्हारे नटखट पन पर “देव” दास बन जाए ।।
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