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एक तस्वीर बनाया था वो टूट गई
जीवन की लकीर जो खींचा वो मिट गई
उस लकीर के दरम्यान यूं घूमते रहे
तस्वीर की वो लकीर भी सिमट गई ।
बड़ा बदलाव आ गया जीवन के पड़ाव में
मुड़कर पीछे जब देखा तस्वीर के बिखराव को
खो गया जीवन का हर खूबसूरत सपना
अब तो बस जी रहे सपनों के बिखराव में ।
हम इंसानों में कल का सुहाना पल
पल भर में बदल जाएगा कल का प्रतिफल
टूट जाते हैं सपनों के घरौंदे
बिखर जाता है कल का हर हंसी पल ।।
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