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शिकायत नहीं कोई तुमसे ऐ जिंदगी
तुमसे ही सलामत है अपनी मौजूदगी
माना की हर पल खुशगवार नहीं होता,
तुम ही हो हमारी इबादत की बंदगी ।
वैसे तो इस जहां के मेहमान हैं हम सब
कब तक हमारा वजूद है ज्ञात नही किसको,
जब तक
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