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शिकायत नहीं कोई तुमसे ऐ जिंदगी
तुमसे ही सलामत है अपनी मौजूदगी
माना की हर पल खुशगवार नहीं होता,
तुम ही हो हमारी इबादत की बंदगी ।
वैसे तो इस जहां के मेहमान हैं हम सब
कब तक हमारा वजूद है ज्ञात नही किसको,
जब तक सांसे सलामत,
आशाओं के दीप जलेंगे,
जिस दिन तेल खतम होगा,
रुखसत हमारी हैसियत,
फिर कैसी शिकायत तेरी रहनुमाई से
जो सबके लिए बना है ,
स्वागत है जिंदगी,
शिकायत नहीं कोई तुमसे ऐ जिंदगी ।।
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