सांझ ढले's image
Share0 Bookmarks 211651 Reads0 Likes

सांझ ढलते ही मायूस हो जाता हूं,

मेरे ख्वाबों की ताबीर धुंधला जाता है,

हर सुबह एक ख्वाब बनाता हूं,

सांझ होते ही अंधेरों में गुम हो जा

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts