सदियां बीत गई's image
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सदियां गुज़र गई पर रवायतें ना बदली,

आज भी लोग परंपराओं की बात करते हैं

हर धर्म हर मजहब अपनी अखलियत

के अनुरूप,

अपने जीवन जीने का जतन करते हैं ।

कुछ दुर्गंध फैल गई इस आबो हवा में

जब हमारे बीच एक विवाद का चल पड़ा सिलसिला

कभी हम प्यार मोहब्बत बांटते थे एक दूसरे से

पर आज एक नफरत हिकारत का जहर मिला ।

जिंदगी की खुशियां कभी नफरत से मिलती नहीं

जब इंसान इंसानियत का धर्म की राह चुने

उस खुशी और संतोष का एहसास करे,

औरों के मुस्कान में ही जिंदगी मुस्कराती है ।।

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