Share0 Bookmarks 30774 Reads0 Likes
सदियां गुज़र गई पर रवायतें ना बदली,
आज भी लोग परंपराओं की बात करते हैं
हर धर्म हर मजहब अपनी अखलियत
के अनुरूप,
अपने जीवन जीने का जतन करते हैं ।
कुछ दुर्गंध फैल गई इस आबो हवा में
जब हमारे बीच एक विवाद का चल पड़ा सिलसिला
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments