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अपने ही रास्ते में कांटा बिछा लिया
पग पग पर चुभ रहा पर अफसोस ना किया
मैने चुनी थी जो मंजिल वो कमाल थी,
अपने ही राह में बिछाया वो कांटों का
जाल थी ।।
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अपने ही रास्ते में कांटा बिछा लिया
पग पग पर चुभ रहा पर अफसोस ना किया
मैने चुनी थी जो मंजिल वो कमाल थी,
अपने ही राह में बिछाया वो कांटों का
जाल थी ।।
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