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हमारे रगों में बहता खून
पुकार रहा हमारी इंसानियत को,
हम क्यों खो दिए हैं अपनी संस्कृति
मजहबी उन्मादी में,
हमारे प्यार हमारे भाई चारे की मिसाल
दुनिया सराहती है,
कई धर्मों का हमारा देश इंसानियत
हमारी थाती है ,
क्यों बिखर गए हम सब धर्म मजहब की
लकीरों में,
हमारे राम रहीम दोनों हमारे प्यार की झांकी हैं ।।
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